स्कूलों से हुई यह कैसी कुट्टी और नहीं चाहिए अब ऐसी छुट्टी। स्कूलों से हुई यह कैसी कुट्टी और नहीं चाहिए अब ऐसी छुट्टी।
सूनी रह जाएंगी इस बार मायके की गलियां, मायके नहीं जा पा रहीं हैं आंखों की कलियां। सूनी रह जाएंगी इस बार मायके की गलियां, मायके नहीं जा पा रहीं हैं आंखों की कलि...
कान्हा मुझे पुकार रहे थे, होली खेलन आए थे। कान्हा मुझे पुकार रहे थे, होली खेलन आए थे।
क्या हाथ धो धो कर होगी छुट्टी वैक्सिनेशन से। क्या हाथ धो धो कर होगी छुट्टी वैक्सिनेशन से।
दादा दादी नहीं है साथ और आँखें नम हो गयी हैं तरक्की तो हुई है पर वो ज़िन्दगी अब कहाँ रह गयी है ? दादा दादी नहीं है साथ और आँखें नम हो गयी हैं तरक्की तो हुई है पर वो ज़िन्दगी...